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राजस्थान किसान

अब किसानों को आवारा जानवरों से मिलेगी निजात, ये सरकार दे रही है खेत की तारबंदी के लिए 60 फीसदी पैसा

अब किसानों को आवारा जानवरों से मिलेगी निजात, ये सरकार दे रही है खेत की तारबंदी के लिए 60 फीसदी पैसा

भारत में इन दिनों आवारा और छुट्टा जानवर किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं, जिसके कारण किसानों को हर साल नुकसान झेलना पड़ता है। आवारा जानवर किसानों की फसलों को उजाड़ देते हैं, जिससे किसानों के उत्पादन में असर पड़ता है। इसके साथ ही आवारा और छुट्टा जानवरों के अलावा जंगली पशु भी किसानों की फसलों को भरपूर नुकसान पहुंचाते हैं। खेतों में खड़ी फसलों को नीलगाय और अन्य जंगली पशु चौपट कर देते हैं। इन समस्याओं का असर सीधे किसानों की आय पर पड़ता है। इस समस्या का एकमात्र उपाय है, कि किसान अपने खेत में तारबंदी करवा ले। इससे आवारा पशु और जंगली जानवर किसानों के खेत में नहीं पहुंचे, जिससे फसल को सीधा नुकसान नहीं होगा। लेकिन अगर आज के युग की बात करें तो तारबंदी करवाना एक बेहद महंगा सौदा है। जो हर किसान के बस की बात नहीं है। एक बार तारबंदी करवाने में किसानों के लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसलिए किसान इस तरह के उपायों को अपनाने से कतरा रहे हैं। किसानों की इस समस्या को देखते हुए अब राजस्थान सरकार आगे आई है। राजस्थान सरकार ने घोषणा की है, कि राज्य सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए तारबंदी करवाने के लिए कुल खर्च का 60 फीसदी पैसा देगी। इसके तहत राजस्थान सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री किसान साथी योजना चलाई है। जिसमें सरकार ने बताया है, कि फसल सुरक्षा मिशन के तहत जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए किसानों को अधिकतम 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। अगर रुपये की बात करें तो यह अनुदान अधिकतम 48,000 रुपये तक दिया जाएगा।


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इस योजना के अंतर्गत न आने वाले किसानों को भी राजस्थान सरकार तारबंदी के कुल खर्च का 50 फीसदी अनुदान देती है। अगर रुपये की बात करें तो यह आर्थिक मदद अधिकतम 40,000 रुपये तक हो सकती है। सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है, कि इस साल के बजट में सरकार ने तारबंदी के लिए अलग से प्रावधान किया है। नए कृषि बजट में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत 35,000 किसानों को अगले 2 साल में अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान 100 करोड़ रुपये का होगा, जिसके अंतर्गत राज्य के खेतों में 25 लाख मीटर की तारबंदी की जाएगी।

अनुदान प्राप्त करने के लिए ये किसान होंगे पात्र

राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी करवाने के लिए किसान की खुद की कृषि योग्य 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही जगह पर होनी चाहिए। अगर किसान की 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही जगह पर नहीं है, तो 2 या 3 किसान संयुक्त रूप से अपनी 1.5 हेक्टेयर जमीन की तारबंदी करवाने के लिए मिलकर इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

अनुदान प्राप्त करने के लिए यहां करें आवेदन

इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के लिए किसान भाई अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001801551 पर कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान भाई राजस्थान किसान साथी पोर्टल पर भी विजिट कर सकते हैं। इस पोर्टल पर राजस्थान सरकार किसान भाइयों से समय-समय पर तारबंदी के लिए आवेदन मांगती रहती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए अनुदान मिल सकता है।
अब किसानों को घर बैठे मिलेगा कृषि योजनाओं का लाभ, इस एप पर मिलेगी सम्पूर्ण जानकारी

अब किसानों को घर बैठे मिलेगा कृषि योजनाओं का लाभ, इस एप पर मिलेगी सम्पूर्ण जानकारी

सरकार लगातार किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखने का प्रयत्न करती है, इसके लिए समय-समय पर नई योजनाएं चलाई जाती हैं। जिससे किसान भाई आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं साथ ही खेती किसानी में भी तरक्की करते हैं। लेकिन किसानों के साथ एक समस्या अब भी बनी हुई हैं कि किसानों को खेती बाड़ी से संबंधित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए  कृषि विभाग या ई-मित्र सेवा केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब राजस्थान सरकार ने इस समस्या का पूरी तरह से समाधान कर दिया है। अब सरकार ने 'राज किसान सुविधा मोबाइल एप्लीकेशन' लॉन्च किया है जिसके माध्यम से अब किसान भाई घर बैठे बिना किसी मशक्कत के सरकारी योजनाओं का लाभ बेहद आसानी से ले पाएंगे। इस एप्लीकेशन को किसान भाई अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही इस एप्लीकेशन के माध्यम से बेहद आसानी से सरकारी योजनाओं में पंजीकरण और आवेदन कर सकते हैं।

इन लोगों को मिलेगा राज किसान सुविधा एप्लीकेशन का लाभ

राजस्थान सरकार की तरफ से जारी किए गए इस एप्लीकेशन का लाभ कृषि,
बागवानी, पशुपालन और कृषि मार्केटिंग से जुड़े लोगों को मिल सकेगा। अब लोग बेहद आसानी से योजनाओं या सुविधाओं की जानकारी एप्लीकेशन के माध्यम से हासिल कर सकेंगे। राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि इस एप्लीकेशन पर राजस्थान सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी विस्तृत रूप से उपलब्ध है। सरकारी अधिकारियों ने यह भी बताया है कि एप्लीकेशन पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि बागवानी और पशुपालन की जानकारी एक जगह पर उपलब्ध करवा दी गई है ताकि किसान भाइयों को जानकारी प्राप्त करने के लिए परेशान न होना पड़े। ये भी देखें: करनी है बंपर कमाई, तो बनिये बागवानी मिशन का हिस्सा

एप्लीकेशन पर मिलेंगी ये सुविधाएं

राजस्थान के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि राज किसान सुविधा एप्लीकेशन पर किसानों की सहूलियत के लिए हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। अब किसान एप्लीकेशन के माध्यम से कृषि यंत्रों की किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल कर सकते हैं साथ ही एप्लीकेशन पर रजिस्टर करके सीधे कृषि यंत्र की बुकिंग करवा सकते हैं। जिससे कुछ दिनों बाद कृषि यंत्र किसान के घर डिलीवर हो जाएगा। इसके अलावा इस एप पर खेती करने की तकनीकों के वीडियो, मौसम की जानकारी, खाद बीज से संबधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। साथ ही उर्वरक, कीटनाशक के विक्रेताओं की लिस्ट, कोल्ड स्टोरेज की जानकारी, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी भी उपलब्ध होगी। यह एप्लीकेशन खेती किसानी से जुड़ी हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाता है।

इस एप्लीकेशन कर आसानी से दर्ज करवा सकते हैं फसलों को हुए नुकसान की शिकायत

इन दिनों राजस्थान में आंधी, पानी और ओलावृष्टि की लहर चल रही है। जिसके कारण किसानों की सैकड़ों एकड़ की फसलें तबाह हो गई हैं। साथ ही कई बीमारियों के कारण फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। इन सब को देखते हुए राजसथान सरकार ने इस एप्लीकेशन में फसलों को हुए नुकसान की शिकायत दर्ज करवाने का भी विकल्प दिया है ताकि किसान भाई बिना किसी परेशानी के फसलों को होने वाले नुकसान का ब्यौरा सरकार तक पहुंचा पाएं। जिससे सरकार को किसानों को मुआवजा देने में आसानी हो। इसके लिए सरकार ने इस एप्लीकेशन में फसल बीमा का अलग से कॉलम दिया है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इतने रुपये का अनुदान दे रही है ये राज्य सरकार

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इतने रुपये का अनुदान दे रही है ये राज्य सरकार

आज के युग में दुनिया में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इस विशाल जनसंख्या को खाना खिलाने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न की आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए मानव ने वैकल्पिक चीजों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, जो कृषि में उत्पादन को बढ़ा सके। बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान मिट्टी को अत्यधिक उपजाऊ बनाना चाहते हैं, इसके लिए किसानों ने खेती बाड़ी में रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल शुरू कर दिया है। एक ओर जहां रसायनों का अत्यधिक इस्तेमाल कृषि उत्पादन बढ़ाने में सहायक तो है लेकिन दूसरी ओर इसके अत्यधिक उपयोग से लोगों की सेहत पर बुरा असर भी पड़ रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा की गई कई रिसर्च में बताया गया है कि उर्वरक और कीटनाशकों की कुछ मात्रा फल, सब्जियों के साथ-साथ अनाजों में रह जाती है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है क्योंकि इससे कैंसर, हार्ट डिजीज, लिवर रोग और डायबिटीज जैसे रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इन खतरों को देखते हुए अब केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपने राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। इन दिनों रासायनिक खेती की अपेक्षा जैविक खेती को सुरक्षित और सस्ते विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है, इसलिए राजस्थान सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए राज्य में क्लस्टर बनाए गए हैं। इन क्लस्टरों में जैविक खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाता है। ये भी पढ़े: जैविक खेती कर के किसान अपनी जमीन को स्वस्थ रख सकते है और कमा सकते हैं कम लागत में ज्यादा मुनाफा इस अनुदान का लाभ राजस्थान के किसान भाई राज्य सरकार के द्वारा लॉन्च की गई वेबसाइट राज किसान के माध्यम से ले सकते हैं। जहां जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत क्लस्टर एप्रोच के लिए आसानी से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। राज्य में क्लस्टर बनाने के लिए फिलहाल सरकार ने धौलपुर, बारां, करौली, जैसलमेर व सिरोही जिलों का चयन किया है, जहां किसान खेती में रासायनिक उरवर्कों पर निर्भरता को कम करेंगे। साथ ही पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए फसल उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करेंगे। राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने नोटिफिकेशन के माध्यम से बताया है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहले साल 12 हजार रुपये, दूसरे साल 10 हजार रुपये और तीसरे साल 9 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। ताकि किसान भाई फसल के साथ खेतों में डालने के लिए जैविक खाद और जैविक कीटनाशक खरीद पाएं। राज किसान पोर्टल में कहा गया है कि इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनके पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर जमीन होगी। इसके साथ ही लाभ लेने वाले किसान को आगामी तीन सालों तक जैविक खेती से जुड़ी गतिविधियों जुड़े रहना होगा। यदि इस दौरान कोई भी किसान फिर से रासायनिक खेती शुरू कर देता है तो उसे यह लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए किसान भाई अपने जिला कृषि पर्यवेक्षक के संपर्क कर सकते हैं।
इस राज्य सरकार ने आल इन वन तरह का कृषि ऐप जारी कर किसानों का किया फायदा

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आधुनिक युग में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कृषि योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने अथवा आवेदन के लिए किसान भाईयों को ई-मित्र केंद्र अथवा कृषि विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। क्योंकि, राजस्थान में खेती-किसानी करने वालों के लिए राज किसान एप पर ऐसी विभिन्न सुविधाएं मुहैय्या कराई गई हैं। सीधी सी बात है, अगर कृषि क्षेत्र की प्रगति एवं विकास-विस्तार होगा तो किसान भी की उन्नत और खुशहाल होंगे। सरकार इसको बरकरार रखने के लिए किसानों की निरंतर रूप से हर संभव सहायता करती है। इसलिए किसानों के हित में विभिन्न कृषि योजनाएं भी चलाई जाती हैं, जिसके माध्यम से बीमा, लोन एवं अनुदान आदि का फायदा प्राप्त होता है। इन योजनाओं से जुड़कर किसान भाई अपने आर्थिक हालातों को अच्छा कर सकते हैं। परंतु, कृषि योजनाओं के विषय में जानकारी इकट्ठी करना एवं आवेदन करना किसान भाइयों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। बहुत बार किसानों को कृषि विभाग से लेके ग्राम पंचायत कार्यालय के चक्कर तक काटने पड़ते हैं। इन सभी स्थितियों से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए फिलहाल राज्य सरकारें मोबाइल एप्लीकेशन जारी कर रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की तरफ से भी राज किसान एप्लीकेशन जारी किया गया है।

केवल एक क्लिक से मिलेगी सभी योजनाओं की जानकारी

राजस्थान सरकार की तरफ से प्रदेश के किसानों के लिए राज किसान एप्लीकेशन जारी किया गया है। इसके अंतर्गत कृषि विभाग से लेकर बागवानी एवं पशुपालन विभाग की नई-पुरानी समस्त योजनाओं की जानकारी चढ़ा दी जाती है। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज किसान एप पर स्व-पंजीकरण का विकल्प दिया गया है। मललब कि फिलहाल किसान भाई अपना पंजीकरण करके सीधे कृषि योजनाओं हेतु आवेदन कर सकते हैं।

क्षतिग्रस्त फसल की शिकायत भी यहीं दर्ज होगी

राज किसान साथी पोर्टल को पूर्णतया किसानों के हिसाब से बनाया गया है। इसमें फसल बीमा क्लेम से लेकर ब्याज की जानकारी, ऑनलाइन अदायगी के साथ फसल क्षति की शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती हैं। यह भी पढ़ें: जानें भारत विश्व में फसल बीमा क्लेम दर के मामले में कौन-से स्थान पर है इन समस्त कार्यों हेतु कृषि विभाग द्वारा राज किसान एप पर फसल बीमा का कॉलम भी बनाया गया है। एक ही प्लेटफॉर्म पर यह समस्त सुविधाएं प्राप्त होने से ना केवल किसान का वक्त बचेगा, साथ ही, पैसे की भी बचत होगी।

कृषि से संबंधित सेवाओं की जानकारी प्रदान की गई हैं

राजस्थान के किसान केवल खेती-किसानी तक ही सीमित नहीं रहे हैं। साथ ही, दूसरी गतिविधियों से भी जुड़कर अच्छी आय कर रहे हैं। इसके लिए राज किसान साथी एप पर एग्री मशीनरी की बुकिंग, कीट-रोग प्रबंधन की जानकारी, उन्नत कृषि तकनीक, मिट्टी और पानी की जांच के लिए नजदीकी लैब, एग्रीकल्चर एंड प्रोसेसिंग, कृषि कार्यों की वीडिया, खाद्य उत्पादक और निर्यातकों की लिस्ट-मोबाइल नंबर, मशीनों की खरीद या किराए पर उठाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स की जानकारी, खाद उर्वरक व कीटनाशक विक्रेताओं की सूची एवं इसके उपयोग करने के तरीके की भी एप पर जानकारी दी गई है।